बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- एशियाई विकास बैंक की सदस्यता पूँजी व प्रबन्ध को बताइये।
उत्तर -
बैंक की सदस्यता - एशियाई बैंक यद्यपि एशिया के देशों के विकास के लिए वित्तीय साधन सुलभ कराने के उद्देश्य से स्थापित हुआ है परन्तु इसकी सदस्यता केवल एशिया के देशों तक सीमित नहीं है। सदस्यता इकेफ के सदस्य तथा सह- सदस्यों तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से सम्बद्ध संस्थाओं को प्राप्त हो सकती है। गवर्नर मंडल के सदस्यों के बहुमत के आधार पर किसी देश को सदस्यता दी जाती है। इस प्रकार बैंक में क्षेत्रीय तथा गैर क्षेत्रीय दोनों ही प्रकार के सदस्य देश हैं। प्रारम्भ में बैंक के सदस्य देशों की संख्या 32 थी जो अब बढ़कर 49 हो गयी है।
बैंक की पूँजी - स्थापना के समय बैंक की अधिकृत पूँजी 1100 मिलियन डालर रखी गयी थी जो क्षेत्रीय एवं गैर क्षेत्रीय सदस्यों के द्वारा प्रदान की जाती थी। बैंक की पूँजी का आधा भाग ही सदस्य देशों द्वारा दिया गया। इस प्रकार बैंक ने 5500 मिलियन डालर की संयुक्त पूंजी से अपना कार्य शुरू किया। 1986 में बैंक की अधिकृत पूँजी 19,700 मिलियन डालर तथा प्रदत्त पूँजी 19,500 मिलियन डालर के बराबर थी।
बैंक का प्रबन्ध - एशियाई विकास बैंक की सर्वोच्च इकाई गवर्नर मण्डल है। प्रत्येक सदस्य देश इस मण्डल में एक गवर्नर तथा एक वैकल्पिक गवर्नर नियुक्त करता है। बैंक की नीतियों सम्बन्धी सभी अधिकार इस मण्डल को प्राप्त हैं। इस प्रकार यह मण्डल नीतियों का निर्धारण करता है। मण्डल ही नये सदस्यों के प्रवेश, पूँजी में परिवर्तन, अध्यक्ष और निदेशकों के निर्वाचन आदि का अधिकार रखता है। गवर्नर मण्डल की बैठक वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य होनी चाहिए।
निदेशक मण्डल - बैंक के प्रबन्ध ढाँचे में दूसरी महत्वपूर्ण इकाई है। गवर्नर मण्डल द्वारा निर्धारित नीतियों को व्यवहारिक रूप में लाने का दायित्व निदेशक मण्डल को सौंपा गया है। निदेशक मण्डल में 12 सदस्य होते हैं। इसमें से दो-तिहाई क्षेत्रीय देशों के और एक तिहाई गैर क्षेत्रीय देशों के सदस्य होते हैं, अर्थात् मण्डल में क्षेत्रीय देशों के 8 और गैर क्षेत्रीय देशों के 4 सदस्य हैं। निदेशक मण्डल उन सभी अधिकारों का प्रयोग करता है जो इस गवर्नर मण्डल द्वारा दिये जाते हैं।
एशियन विकास बैंक के कार्य
इस बैंक के अग्रलिखित कार्य हैं -
1. पूँजी विनियोग को प्रोत्साहित करना - इकेफ के देशों में विकासशील कार्यों में सार्वजनिक और निजी पूँजी के विनियोग को प्रोत्साहित करना इस बैंक का प्रमुख कार्य है।
2, विकास प्रक्रिया में तकनीकी सहायता देना - बैंक इकेफ क्षेत्र देशों की विकास योजनाओं को बनाने, वित्त व्यवस्था करने और कार्यान्वित करने के सम्बन्ध में तकनीकी सहायता देने का महत्वपूर्ण कार्य भी करता है। बैंक ने प्रारम्भ से लेकर अब तक 442 परियोजनाओं के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की है।
3. अपने वित्तीय प्रसाधनों का विकास कार्यों में प्रयोग करना - बैंक अपने वित्तीय साधनों का प्रयोग विकास कार्यों में करता है। क्षेत्रीय, उप-क्षेत्रीय राष्ट्रीय परियोजनाओं में उन्हें प्राथमिकता दी जाती है जो सम्पूर्ण क्षेत्र के समग्र विकास में अधिक सहायक हो सकती है। अपेक्षाकृत छोटे और अविकसित देशों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
4. अन्य अन्तर्राष्ट्रीय वित्त संस्थाओं में सहयोग करना - केफ क्षेत्र में रुचि रखने वाली अन्य अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को सहयोग करने का कार्य भी एशियाई बैंक का कार्य है। विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ तथा उससे सम्बन्धित अन्य संस्थाओं की इस क्षेत्र की समस्याओं में रुचि प्राप्त करवाना भी बैंक का महत्वपूर्ण रचनात्मक कार्य है।
5. अन्य - उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त यह बैंक वे अनेक कार्य और सेवायें भी करता है जिनसे इसके उद्देश्य की पूर्ति में सहायता मिले।
6. सदस्य देशों की विकास योजनाओं और नीतियों में तालमेल स्थापित करना - क्षेत्र के सभी देशों की विकास सम्बन्धी नीतियों तथा उनकी आर्थिक विकास की योजनाओं में तालमेल रखने का कार्य भी बैंक का प्रमुख कार्य है, क्योंकि समन्वित प्रयत्नों द्वारा ही क्षेत्र के देशों के साधनों का उपयुक्त प्रयोग किया जा सकता है और हर एक देश दूसरे देश के विकास में सहायता कर सकता है। इस प्रकार के प्रयत्नों द्वारा ही एक देश दूसरे देश का प्रतिद्वन्द्वी न रहकर पूरक का कार्य कर सकता है। इस उद्देश्य से बैंक इन देशों के विदेशी व्यापार को सर्वमुखी विस्तार पर भी बल देता है।
अतः यह स्पष्ट है कि बैंक की स्थापना का उद्देश्य एशियाई क्षेत्र में विकास कार्यों को बढ़ावा देना तथा अपने तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साधनों द्वारा वित्तीय तथा तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाना है।
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- प्रश्न- विश्व बैंक की असफलतायें बताइये।
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- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित उपाय (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? विश्व व्यापार संगठन ने इस सम्बन्ध में क्या भूमिका निभायी है?
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- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंकटाड के उद्देश्य एवं स्वीकृत सिद्धान्तों को बताइये।
- प्रश्न- अंकटाड के कार्य बताइये।
- प्रश्न- दसवें अंकटाड पर टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- विनिमय दर क्या है? विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाने वाले विभिन्न घटकों का विवेचन कीजिए।
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- प्रश्न- टकसाल दर समता सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विनिमय नियोजन क्या है? भारत में विनिमय नियन्त्रण के क्या उद्देश्य हैं? इस दिशा में भारत सरकार ने हाल के वर्षों में क्या किया है?
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- प्रश्न- वैश्विक वित्तीय संकट का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण के उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दरों के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दर के विपक्ष में तर्क दीजिए।
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